रक्षा / रूस के एस-400 के विकल्प में अमेरिका भारत को अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम का प्रस्ताव देगा

  • भारत और रूस के बीच पिछले साल अक्टूबर में हुआ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का समझौता

  • सौदे से नाराज अमेरिका दुश्मन देश से सौदा करने के लिए भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दे चुका

  • अमेरिकी अधिकारी चाहते हैं कि भारत संतुलन बनाने के लिए उनसे रक्षा समझौता करे


न्यूयॉर्क. अमेरिका जल्द ही भारत को मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का प्रस्ताव दे सकता है। दरअसल, पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच रूस के एस-400 डिफेंस सिस्टम खरीदने पर समझौता हुआ था। इस पर नाराजगी जताते हुए अमेरिका ने भारत पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी थी। हालांकि, अब अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपने मिसाइल डिफेंस सिस्टम को रूस के एस-400 के विकल्प की तौर पर पेश किया है।



भारत को क्या दे सकता है अमेरिका?




  1.  माना जा रहा है कि अमेरिका एस-400 के विकल्प के तौर पर भारत को लॉकहीड मार्टिन कंपनी के 'थाड' या रेथियॉन कंपनी का 'पेट्रियॉट' सिस्टम का प्रस्ताव दे सकता है। लेकिन तकनीक में बराबर या कम होने के बावजूद इन दोनों की ही कीमतें रूसी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के मुकाबले काफी ज्यादा हैं। 


     




  2. अमेरिका का बड़ा सहयोगी है भारत, प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण होंगे


     अमेरिका के उप-रक्षामंत्री रैंडल श्राइवर ने बुधवार को संसदीय समिति के सामने बताया कि अमेरिका भारत पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाना चाहता। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण होगा, क्योंकि भारत बड़े पैमाने पर अमेरिका के सहयोगी के तौर पर उभर रहा है। रैंडल के मुताबिक, इस स्थिति से निपटने के लिए वे भारत को रूसी एस-400 के विकल्प के तौर पर अमेरिकी मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने का प्रस्ताव देंगे।  




  3.  इंडो-पैसिफिक कमांड में तैनात कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने भी भारत और अमेरिका के बीच रक्षा खरीद बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा से यह पक्ष रखता आया हूं कि अमेरिकी तकनीक की खरीद से भारत से हमारी आपसी सक्रियता और अनुकूलता लगातार बढ़ेगी।” 4 क्या है काट्सा कानून?


     दरअसल, अमेरिका काट्सा कानून के तहत अपने दुश्मन से हथियार खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। इस लिहाज से भारत भी रूस से हथियार खरीदने के लिए प्रतिबंधों के दायरे में आ सकता है, लेकिन अमेरिका और भारत का रक्षा व्यापार बीते समय में काफी बढ़ा है। इसके चलते वह भारत पर प्रतिबंध लगाने से बचना चाहता था।


     




  4. रूस से पनडुब्बी भी लीज पर ले रहा भारत


     हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल के मद्देनजर भारतीय नौसेना लगातार अपनी ताकत बढ़ा रही है। इसी महीने भारत और रूस के बीच 21 हजार करोड़ रुपए की परमाणु शक्ति वाली पनडुब्बी की लीज डील साइन हुई है। इसके तहत रूस 2025 तक भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न पनडुब्बी देगा। 10 साल की लीज पर मिलने वाली पनडुब्बी को चक्र-3 नाम दिया गया है। 


     




  5. चीन के चलते हिंद महासागर में भारत के नेतृत्व का समर्थन


     ट्रम्प प्रशासन ने चीन की बढ़ती गतिविधियों के चलते अपनी हिंद-प्रशांत नीति में भारत को ज्यादा महत्व देना शुरू किया है। पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया था कि हिंद महासागर और उसके आसपास के इलाकों की सुरक्षा के लिए अमेरिका भारत के साथ सहयोग बढ़ाएगा। अमेरिका इस क्षेत्र में हर तरह से भारत के नेतृत्व का समर्थन करेगा।